धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि बचनाकी ॥ लेखा चित्र गुपति जो लिखिआ सभ छूटी जम की बाकी ॥२॥ हरि के संत जपिओ मनि हरि हरि लगि संगति साध जना की ॥ दिनीअरु सूरु त्रिसना अगनि बुझानी सिव चरिओ चंदु चंदाकी ॥३॥ तुम वड पुरख वड अगम अगोचर तुम आपे आपि अपाकी ॥ जन नानक कउ प्रभ किरपा कीजै करि दासनि दास दसाकी ॥४॥६॥
Dhanaasaree, Fourth Mehl: Tell me, O Siblings of Destiny, the religion for this Dark Age of Kali Yuga. I seek emancipation – how can I be emancipated? Meditation on the Lord, Har, Har, is the boat, the raft; meditating on the Lord, the swimmer swims across. ||1|| O Dear Lord, protect and preserve the honor of Your humble servant. O Lord, Har, Har, please make me chant the chant of Your Name; I beg only for Your devotional worship. ||Pause|| The Lord’s servants are very dear to the Lord; they chant the Word of the Lord’s Bani. The account of the recording angels, Chitr and Gupt, and the account with the Messenger of Death is totally erased. ||2|| The Saints of the Lord meditate on the Lord in their minds; they join the Saadh Sangat, the Company of the Holy. The piercing sun of desires has set, and the cool moon has risen. ||3|| You are the Greatest Being, absolutely unapproachable and unfathomable; You created the Universe from Your Own Being. O God, take pity on servant Nanak, and make him the slave of the slave of Your slaves. ||4||6||
अर्थ :-हे भगवान जी ! (दुनिया के विकारों के झंझटों में से) अपने सेवक की इज्ज़त बचा ले। हे हरि ! मुझे अपना नाम जपने की समरथा दे। मैं (तेरे से) सिर्फ तेरी भक्ति का दान मांग रहा हूँ।रहाउ। हे भाई ! मुझे वह धर्म बता जिस के साथ जगत के विकारों के झंझटों से बचा जा सके। मैं इन झंझटों से बचना चाहता हूँ। बता; मैं कैसे बचूँ? (उत्तर-) परमात्मा के नाम का जाप कश्ती है,नाम ही तुलहा है। जिस मनुख ने हरि-नाम जपा वह तैराक बन के (संसार-सागर से) पार निकल जाता है।1। हे भाई ! जिन मनुष्यों ने गुरु के वचनों के द्वारा परमात्मा का नाम जपा, वह सेवक परमात्मा को प्यारे लगते हैं। चित्र गुप्त ने जो भी उन (के कर्मो) का लेख लिख रखा था, धर्मराज का वह सारा हिसाब ही खत्म हो जाता है।2। हे भाई ! जिन संत जनों ने साध जनों की संगत में बैठ के अपने मन में परमात्मा के नाम का जाप किया, उन के अंदर कलिआण रूप (परमात्मा प्रकट हो गया, मानो) ठंडक पहुचाने वाला चाँद चड़ गया, जिस ने (उन के मन में से) तृष्णा की अग्नि बुझा दी; (जिस ने विकारों का) तपता सूरज (शांत कर दिया)।3। हे भगवान ! तूं सब से बड़ा हैं, तूं सर्व-व्यापक हैं; तूं अपहुंच हैं; ज्ञान-इन्द्रियों के द्वारा तेरे तक पहुंच नहीं हो सकती। तूं (हर जगह) आप ही आप हैं। हे HB भगवान ! अपने दास नानक ऊपर कृपा कर, और, अपने दासो के दासो का दास बना ले।4।6।
July 12 , 2016 : Today’s Hukamnama (Mukhwak) from Sri Darbar Sahib (Golden Temple) Amritsar in Punjabi and Hindi with Meaning in Punjabi, Hindi and English
रागु सूही छंत महला ५ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सुणि बावरे तू काए देखि भुलाना ॥ सुणि बावरे नेहु कूड़ा लाइओ कुस्मभ रंगाना ॥ कूड़ी डेखि भुलो अढु लहै न मुलो गोविद नामु मजीठा ॥ थीवहि लाला अति गुलाला सबदु चीनि गुर मीठा ॥ मिथिआ मोहि मगनु थी रहिआ झूठ संगि लपटाना ॥ नानक दीन सरणि किरपा निधि राखु लाज भगताना ॥१॥
Raag Soohee, Chhant, Fifth Mehl, First House: One Universal Creator God. By The Grace of The True Guru: Listen, madman: gazing upon the world, why have you gone crazy? Listen, madman: you have been trapped by false love, which is transitory, like the fading color of the safflower. Gazing upon the false world, you are fooled. It is not worth even half a shell. Only the Name of the Lord of the Universe is permanent. You shall take on the deep and lasting red color of the poppy, contemplating the sweet Word of the Guru’s Shabad. You remain intoxicated with false emotional attachment; you are attached to falsehood. Nanak, meek and humble, seeks the Sanctuary of the Lord, the treasure of mercy. He preserves the honor of His devotees. ||1||
अर्थ :-(माया के मोह में) झल्ले हो रहे हे मनुख ! (जो कुछ मैं कहि रहा हूँ, इस को ध्यान के साथ) सुन। तूँ (माया को) देख के क्यों (जीवन-मार्ग से) खुंझ रहा हैं ! हे बावरे ! सुन, (यह माया) कसुंभे के रंग (जैसी है, तुने इस के साथ) प्यार बनाया हुआ है जो सदा निभने वाला नहीं। तूँ (उस) नासवंत (माया) को देख के जीवन-मार्ग से खुंझ रहा हैं, (जोकि आखिर) आधी कौडी मुल्य भी नहीं रह सकती। हे भाई ! परमात्मा का नाम ही मजीठ के पक्के रंग जैसे सदा साथ निभाने वाला) है। अगर तूँ गुरु के मीठे शब्द के साथ गहरी साँझ बना के (परमात्मा का नाम जपता रहें, तो) तूँ सुंदर गहरे रंग वाले लाल फूल बन जाएगा। पर तूँ तो नासवंत (माया) के मोह में मस्त हो रहा हैं, तूँ उन पदार्थों के साथ चिपक रहा हैं जिन के साथ तेरा साथ नहीं निभणा। हे नानक ! (बोल-) हे दया के खज़ाने भगवान ! (मैं) गरीब (तेरी) शरण (आया हूँ मेरी) लाज रख, (जैसे) तूँ आपने भक्तों की (लाज रखता आया हैं)।
July 11 , 2016 : Today’s Hukamnama (Mukhwak) from Sri Darbar Sahib (Golden Temple) Amritsar in Punjabi and Hindi with Meaning in Punjabi, Hindi and English
धनासरी महला १ घर १ चउपदे ੴ सतिनामु करती पुरखु निरभउ निरवैर अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि ॥ जीउ डरत है अपने कै सियो करी पुकार ॥ दूख विसारणु सेविया सदा सदा दातारु ॥१॥ साहिबु मेरा नीत नवा सदा सदा दातारु ॥१॥ रहाउ ॥ अनदिनु साहिबु सेवीऐ अंति छडाए सोइ ॥ सुणि सुणि मेरी कामणी पारि उतारा होइ ॥२॥
Dhanasri mehla 1 Ghar 1 choupade One Universal Creator God. Truth Is The Name. Creative Being Personified. No Fear. No Hatred. Image Of The Undying. Beyond Birth. Self-Existent. By Guru’s Grace: My soul is afraid; to whom should I complain? I serve Him, who makes me forget my pains; He is the Giver, forever and ever. ||1|| My Lord and Master is forever new; He is the Giver, forever and ever. ||1||Pause|| Night and day, I serve my Lord and Master; He shall save me in the end. Hearing and listening, O my dear sister, I have crossed over. ||2||
(जगत दुखो का समुंदर है, इन दुखो को देख कर) मेरी जिंद कांप जाती है (परमात्मा के बिना और कोई बचाने वाला नहीं दीखता) जिस के पास जा कर मैं अरजोई-अरदास करू । (इस लिये और आसरे छोड कर) मैं दुखो को नास करने वाले प्रभु को ही सिमरता हूँ , वेह सदा ही मेहर करने वाला है । (फिर वह) मेरा मालिक सदा ही बक्शीश तो करता रहता है (परन्तु वह मेरी रोज की बिनती सुन के बक्शीश करने में कभी परेशान नहीं होता) रोज ऐसे है जैसे पहली बार अपनी मेहर करना लगा है।१।रहाउ। हे मेरी जिन्दे! हर रोज उस मालिक को याद करना चाहिये (दुखों से) आखिर वो ही बचाता है। हे मेरी जींद! ध्यान से सुन (उस मालिक का सहारा लेने से ही दुखों से समुंदर से ) पार निकला जा सकता है॥२॥
July 10 , 2016 : Today’s Hukamnama (Mukhwak) from Sri Darbar Sahib (Golden Temple) Amritsar in Punjabi and Hindi with Meaning in Punjabi, Hindi and English